जानिये कौन थे धन्‍वन्‍तरि और क्‍यों मनाते हैं धनतेरस

जानिये कौन थे धन्‍वन्‍तरि और क्‍यों मनाते हैं धनतेरस

सुमन कुमार

दीपावली से दो दिन पहले देश में धन्‍वनतरि जयंती मनाई जाती है। बचपन से इस दिन को बस धनतेरस के रूप में मनाती आ रही हमारी नई पीढ़ी को शायद ये पता भी न हो कि आखिर धनतेरस मनाते क्‍यों हैं। इस दिन में ऐसी क्‍या खासियत है कि भारतीय च‍िकित्‍सा परंपरा के वैद्य गण इस दिन को परम पावन मानते हैं। हालांकि बाजार की अर्थव्‍यवस्‍था ने इसे महज बर्तनों की खरीददारी तक सीमित कर दिया है। आज धन्‍वन्‍तरि जयंती पर आइये जानते हैं भगवान धन्‍वन्‍तरी के बारे में जिन्‍होंने संसार को आयुर्वेद का ज्ञान सौंपा था।

कौन थे धन्‍वन्‍तरि?

धन्वन्तरि महान चिकित्सक थे जिन्हें उनकी विलक्षण च‍िकित्‍सा शक्तियों के कारण देव पद प्राप्त हुआ था। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन्‍हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। इनके बारे में पौराणिक कथा है कि जब अमृत हासिल करने के लिए देव और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था तब कार्तिक महीने की कृष्‍ण पक्ष की 13वीं तिथि को इनका अवतरण हुआ था। इन्‍हें भगवान विष्णु का रूप कहते हैं। कहा जाता है कि समुद्र मंथन के समय ये अपने एक हाथ में आयुर्वेद और दूसरे में अमृत कलश लेकर उत्‍पन्‍न हुए थे। समुद्र मंथन के दौरान चौदहवें दिन काली और 15वें दिन महालक्ष्‍मी का अवतरण हुआ था। महालक्ष्‍मी के अवतरण वाले दिन दीपावली और इससे दो दिन पहले धन्‍वन्‍तरि जयंती मनाई जाती है।

इसी दिन इन्होंने आयुर्वेद का भी प्रादुर्भाव किया था। इनका प्रिय धातु पीतल माना जाता है इसीलिये धनतेरस को पीतल के बर्तन खरीदने की परंपरा भी है। आज के दौर में अब पीतल के बर्तन फैशन से बाहर हो चुके हैं मगर आयुर्वेद के जानकार ये मानते हैं कि खाना पकाने के लिए पीतल के बर्तन ही सर्वोत्‍तम होते हैं।

आयुर्वेद की चिकित्सा करने वाले वैद्य धन्‍वन्‍तरि को आरोग्य का देवता मानकर उनकी पूजा करते हैं। इन्होंने ही अमृतमय औषधियों की खोज की थी। इनके वंश में दिवोदास हुए जिन्होंने 'शल्य चिकित्सा' का विश्व का पहला विद्यालय काशी में स्थापित किया जिसके प्रधानाचार्य सुश्रुत बनाये गए थे। सुश्रुत दिवोदास के ही शिष्य और ॠषि विश्वामित्र के पुत्र थे। उन्होंने ही सुश्रुत संहिता लिखी थी। सुश्रुत विश्व के पहले सर्जन (शल्य चिकित्सक) थे। दीपावली के अवसर पर कार्तिक त्रयोदशी-धनतेरस को भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं।

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉक्‍टर हर्षवर्धन ने देश वासियों को धन्‍वन्‍तरि जयंती की बधाई दी है। एक ट्वीट के जरिये उन्‍होंने लोगों को बधाई दी।

 

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।